INTERNET OF THINGS क्या है? ये कैसे काम करता है?
दोस्तों, कई सारे लोग भ्रमित रहते है की IoT और इंटरनेट ऑफ थिंग्स दोनो अलग अलग है किंतु मैं उनको बताना चाहता हूं की यह दोनो एक ही है। बस Internet of things को छोटा स्वरूप बनाने के लिए कुछ लोग इसको IoT भी कहते है। आइए आज हम आपको internet of things के बारे में कुछ जरूरी बाते बताते है जो की आपको काफी पसन्द आयेगा।
IoT का पूरा नाम क्या है ?
मित्रो, सभी को यह वहम है की IoT और Internet of things अलग अलग है। लेकिन ऐसा नही है तब दोनो एक ही है और IoT का पूरा नाम Internet of things है। ये दोनो नाम एक ही है, किंतु कुछ लोग इसको IoT कहकर पुकारते है और कुछ लोग इसको Internet of things के नाम से पुकारते है।
INTERNET OF THINGS क्या है?
IoT कोई अलग नही है, इसका अर्थ यह है की दुनिया की अरबों फिजिकल थिंग्स जो की इंटरनेट से जुड़ी हुई है, उनको ही I इंटरनेट ऑफ थिंग्स के नाम से जाना जाता है। यह फिजिकल थिंग्स काफी तेज और स्मार्ट होती है। IoT का इस्तेमाल किसी सूचना के लेन में देन में किया जाता है।
Image of Internet of Things
Internet of things का उदाहरण?
दोस्तों, आपको बेहतर तरीके से समझाने के लिए मैं आपको एक उदाहरण बताता हूं जिसके जरिए आपको पता चल जायेगा की internet of things क्या है, किस प्रकार कार्य करता है और यह क्यों उपयोगी है?
उदाहरण –
दोस्तों, मानते है की किसी व्यक्ति को ब्लड प्रेशर की समस्या है कर वह आराम से सो रहा है और वह व्यक्ति अपने हाथ में एक स्मार्ट वॉच पहने है (स्मार्ट वॉच भी इंटरनेट ऑफ थिंग्स का एक हिस्सा ही है), और रात को वह व्यक्ति आराम से सो रहा है और उसका ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है और उसको समस्या हो रही है।
तो ऐसे में उसके हाथ की स्मार्ट वॉच उसको एक हाई वॉल्यूम की रिंगटोन के जरिए यह बताती है की उस व्यक्ति का ब्लड प्रेशर कितना बड़ा हुआ है और उसको अब इलाज की जरूरत है। तो यह एक इंटरनेट ऑफ थिंग्स का एक उदाहरण है और अब आप समझ गए होंगे की किस प्रकार इंटरनेट ऑफ थिंग्स हमारे जीवन के लिए उपयोगी है।
Internet of things की खोज?
आपके मन में यह सवाल अवश्य आया होगा की Internet of things की खोज किसने की तो मैं आपको बताता हूं की इसकी खोज 1999 में एक वैज्ञानिक जिनका नाम Kevin Ashton था, उन्होंने ही इसकी खोज की थी। उस समय Kevin Ashton p&g में काम किया करते थे।
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कौन कौन से डिवाइस IoT का हिस्सा है ?
मित्रो, आपको मैं आसान भाषा में बताता हूं कि जिन डिवाइस को हम कनेक्ट कर सकते है या फिर जिनमे स्विच ऑन और ऑफ का ऑप्शन होता है उनको हम IoT कह सकते है और ऐसे डिवाइसेज IoT के हिस्से होते है।
IoT के कुछ प्रमुख भाग जो की निम्नलिखित है –
- Connected wearables –
इसके अंतर्गत Smartwatches, Smart glasses, fitness bands etc. आते है।
- Connected Homes –
इसके अंतर्गत ऐसे डिवाइसेज आते है जिनको हम अपने घरों में उपयोग करते है।
- Connected Cars –
इसमें ऐसे वाहन आते है जिनको हम इंटरनेट के साथ कनेक्ट कर सकते है।
- Connected Cities –
इसके अंतर्गत smart meters आते है जो की हमको यह बताते है की water, gas, electricity को हमने कितना खर्च किया है।
दोस्तों, ऐसे network जिनके भीतर बड़े आराम से Internet of things के उपकरण connect हो सकते हैं –
- BAN (body area network): wearables,
- LAN (local area network): smart home,
- WAN (wide area network): connected car, and
- VWAN (very wide area network): the smart city.
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INTERNET OF THINGS (IoT) के फायदे
Internet of things के निम्नलिखित फायदे है –
- Easy Access – आजकल हमको किसी भी प्रश्न का जबाव चाहिए होता है या फिर किसी की जानकारी चाहिए होती है तब अब google के द्वारा अपने प्रश्नों के उत्तर को आसानी से पा सकते है ये एक internet of things का अच्छा लाभ होता है।
- Communication – IoT के जरिए हम एक दूसरे से कम्यूनेट रह सकते है जिससे हम किसी सूचना का आदान प्रदान कर सकते है।
- Speed – IoT डिवाइस कितनी तेजी से कार्य करते है यह तो आपको पता होगा। और इसकी सहायता से हम आसानी से किसी फाइल को एक दूसरे के साथ सांझा कर सकते है। अब इंडिया में भी 5g launch करने की तैयारी चल रही है।
- Cost Reduction – अपने व्यापार में अगर हम IoT का इस्तेमाल करते है तो इसमें हमारी लागत कम लगती है जैसे की हमारे पास कोई इक्विपमेंट है जिसमे किसी प्रकार की खराबी आती है तो IoT का ही एक हिस्सा जिसको हम सेंसर कह सकते है इसके जरिए हमको तुरंत पता चल जाता है की उस इक्विपमेंट में क्या प्रोब्लम है जिससे हम उसको तुरंत ही सही करा सकते है जिससे हमारा खर्च कम हो जाता है।
- Automation – आजकल ऐसी कई सारी चीज़े है जो की ऑटोमेशन पर कार्य करती है इसमें हम IoT की सहायता से मात्र एक बार कमांड देकर इसको पूरी तरह से ऑटोमैटिक बना सकते है जिससे हमारे वक्त की बहुत मदद होती है।
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Internet of things के निम्नलिखित नुकसान है –
- Security और Privacy – IoT का मुख्य नुकसान प्राइवेसी ही है क्योंकि सारी इंटरनेट ऑफ थिंग्स एक ही श्रेणी में जुड़े होते है जिससे इनको हैक करना आवश्यक हो जाता है इसीलिए हमको अपने IoT device को बहुत सिक्योर रखना चाहिए।
- Complexity – दोस्तो, IoT के किसी नेटवर्क को डिजाइन करना और फिर उसको व्यवस्थित करना बहुत कठिन हो जाता है।
- Jobs की कमी – Internet of things के आने से jobs की बहुत कमी हो गई है क्योंकि इसके जरिए बहुत से कार्य आसानी से होने लगे है जिससे नौकरियां काम हो गई है।
- Dependency (निर्भरता) – आजकल कई सारे कार्य ऑनलाइन हो चुके है जैसे की ऑनलाइन शॉपिंग से लेकर ऑनलाइन बुकिंग तक सारे कार्य ऑनलाइन हो चुके है जिससे की आज के बच्चे इसके एडिक्ट हो चुके है जो आने वाले समय में बहुत खतरनाम साबित हो सकता है।
CONCLUSION
दोस्तों, आज मेने आपको अपने लेख की सहायता से यह बताया है की IoT क्या होता है, इसका पूर्ण नाम क्या है, इसके प्रकार कौन कौन से है और इसके फायदे और नुकसान क्या क्या है। जिससे IoT से जुड़े आपके मन के सभी सवाल समाप्त हो गए होंगे किंतु अभी भी अगर आपके मन में कोई सवाल है तो आप हमको comment करके उसका उत्तर पा सकते है।