Software Define Network(SDN) क्या होता है? ये कैसे काम करता है? और इसके क्या फायदे है? ये सब के बारे में आज हमलोग इस पोस्ट में जानने वाले है। तो चलिए आगे बढ़ते है और इसके बारे में डिटेल्स में जानने की कोशिस करते है।
SOFTWARE DEFINE NETWORK IN HINDI | SOFTWARE DEFINE NETWORK या SDN क्या है?
ये एक ऐसा Network Architecture है जिसमे हमें network को handle या manage करना काफी easy हो जाता है। साथ ही ये Software Define Network(SDN) काफी flexible होता है।
इसको अगर हमलोग अलग तरह से define करेंगे तो इसका मतलब ये होता है की, ये एक ऐसा Network Architecture है जो software का मदद ले कर network को smartly और central रूप से हैंडल या control करने में compatible होता है।
Software Define Network(SDN) का use हमलोग डायनामिक और high बैंडविड्थ वाले software में करते है। ये पुराने network से काफी हट कर है। पहले जो network होते थे उसमे ट्रैफिक को हैंडल करने के लिए अलग अलग hardware device का use करना पड़ता था। लेकिन SDN के साथ ऐसा नहीं है। ये ट्रैफिक को हैंडल करने के लिए virtual network का use करता है।
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SDN एक ऐसा network है जो software पर चलने वाले कंट्रोलर या API का use कर के हमारे hardware और network ट्रैफिक के बीच communicate करने में मदद करता है। ये centralized server की मदद से network को control करता है।
SOFTWARE DEFINE NETWORK(SDN) के ARCHITECTURE
SDN network besically तिन लेयर्स को मिलाकर बनाया गया है। जो की निम्न है:
1. Application Layer(AL)
AL में डाटा सिक्यूरिटी से रिलेटेड network application शामिल है। जो की आज कल के ट्रेडिशनल नेटवर्क से काफी अलग है। क्योकि ट्रेडिशनल नेटवर्क में डाटा सिक्यूरिटी के लिए hardware devices लगाने होते थे जैसे की फ़ायरवॉल, load balancer इत्यादि। जबकि SDN इस चीज को software application से replace कर दिया है।
2. Control Layer(CL)
ये centralized SDN controller software की तरह काम करता है। जो SDN के दिमाग के रूप में कार्य करता है। यह कंट्रोलर एक centralized server पर रहता है। जो की पुरे network में अलग अलग पॉलिसीस और network ट्रैफिक के flow को manage करता है।
3. Forwarding Layer(FL)
ये लेयर फिजिकल switches से बने है। जिसका काम होता है डाटा पैकेट को source से डेस्टिनेशन तक पहुचाना।
Application program interfaces (APIs)
ये उपर के तीनो लेयर्स आपस में Northbound और Southbound APIs के जरिये communicate करते है। Northbound APIs आपस में application layer और control layers के बीच communicate करता है। जबकि Southbound APIs आपस में control layer और Forwarding layer को communicate करता है।
SDN NETWORK की खासियत | ADVANTAGE OF SDN NETWORK
इसके कुछ खासियत है जिसके बारे में मै निचे बताने जा रहा हूँ:
- इस network की बात करे तो ये normal network से अच्छी security provide करती है।
- इसमें हमें ज्यादा services vertually मिल जाती है।
- SDN की मदद से बड़े बड़े offices के एप्लीकेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर या सर्विसेज को आसानी से deploy कर सकते है।
- इस network में ट्रैफिक को हैंडल करना आसान होता है। क्योकि जरुरत पड़ने पर network engineer हार्डवेयर switches में policy को बदल सकते है। इसमें ट्रैफिक के लोड को काफी easy way में manage किया जा सकता है।
- इसका सबसे बड़ा फायदा ये है की SDN में centralized कंट्रोलर की मदद से एक जगह पर कॉन्फ़िगर करते ही सभी swithces पर कॉन्फ़िगरेशन हो जाती है। जबकि normal switches में ऐसा नहीं होता है। इसमें हमें कॉन्फ़िगर करने के लिए सभी swithces पर जाकर कॉन्फ़िगरेशन करना पड़ता है। जिसमे काफी टाइम का खपत होता है।
- Centralized कंट्रोलर का फायदा ये है की ये unwanted ट्रैफिक को डिटेक्ट कर लेता है। और खुद से उसको re-route कर देता है।
- आपलोग को ये पता चल गया होगा की ये virtual mode पर कार्य करता है। जिससे hardware का uses कम होता है। जिसके कारण network setup करने में कम costing लगता है। और दूसरा बेनिफिट ये है की आपको ज्यादा जगह भी नहीं use होता है network के लिए।
HOW TO WORK SDN NETWORK | SDN NETWROK कैसे काम करता है? | HOW SDN WORK
ये centralized controller का use कर के काम करता है। ये कंट्रोलर software based होता है। जिस पर network engineer कमांड देते है जिससे SDN network काम करता है। engineer एक जगह पर बैठ कर कंट्रोलर में control panel का use कर के policy impliment करते है।
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जिससे switches पर कॉन्फ़िगरेशन हो जाता है। इस तरह उनको बार बार सभी swithces पर जाकर कॉन्फ़िगरेशन करने की जरुरत नहीं पड़ती है। SDN तिन लेयर पर काम करती है जिसके बारे में मैंने उपर में ही बताया है।
जब कोई डाटा पैकेट network switch पर आता है तब उस पैकेट को ये switch रूल्स या पालिसी के अनुसार उसके डेस्टिनेशन तक send कर देता है। ये सब SDN controller के कारण ही हो पाता है।
इसमें network admin एक central place पर रहते हुए network को मॉनिटर, control या policy लगा सकता है।
SOFTWARE DEFINE NETWORK के साथ क्या क्या CHALLANGE आते है?
SECURITY PROBLEM
हमारा network एक centralized based network होता है। जो सिर्फ एक hardware पर depend रहता है। ऐसे में अगर किसी तरह से network बंद हो गया या कोई attacker द्वारा अटैक किया गया तो ऐसे में हमारा डाटा secure नहीं रह पायेगा। क्योकि सबकुछ एक single centralized device द्वारा manage होता है।
CONTROLLER
जब SDN controller में एक साथ काफी ट्रैफिक आने लगता है तो ये SDN को हैंडल करने में रुकावट पैदा होने के chances रहता है।
SDN से रिलेटेड FAQs
1. SDN का full form क्या है?
Software Define Network
2. Software Define Network को परिभाषित करे?
SDN एक software के द्वारा use होने वाला network है। जिसको centralized based controller के द्वारा manage किया जाता है।
3. सॉफ्टवेयर डिफाइन नेटवर्क का use क्यों किया जाता है?
इसके आ जाने से network में काफी improvement आ गया है। जिससे सेल्स बढ़ गए है कस्टमर को service अच्छी मिल पा रही है। इसके वजह से खर्चे कम हो गए है। एक sdn besed कंट्रोलर से command देने से सारे network switch पर कॉन्फ़िगरेशन हो जाते है। कम hardware में काम हो जाता है। जब कम hardware लगते है तो space का use कम होता है साथ ही power save होती है।
4. SDN application क्या है?
SDN एप्लीकेशन एक ऐसा software है जिसको SDN के environment में कार्य करने के लिए डिजाईन किया गया है। ये एप्लीकेशन फर्मवेयर के माध्यम से रेगुलर रूप से network के hardware devices को कार्य कराने में मदद करता है।
5. SDN कुछ example दे?
PFC SDN controller, Cisco SDN controller, Juniper contrail इनके अलावा कुछ ओपन सोर्स भी है। जैसे Beacon, Ryu, Opendaylight और Floodlight इत्यादि।
CONCLUSION
Software Define Network(SDN) क्या है? SDN network कैसे काम करता है? ये सब के बारे में आज आपलोग ने जाना। उमीद करता हूँ की आपलोग को SDN से related सारी जानकारी मिल गयी होगी। अगर आपलोग को कोई प्रॉब्लम लगे तो आप हमें कमेंट या mail कर सकते है। आपलोग को आपके सवाल का जवाब मै जरुर दूंगा।
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